कबूतरों का झुण्ड जब ज़मीन से उड़कर आसमां छूता है ,अच्छा लगता है |
चिलचिलाती धूप मैं जब बादल सूरज को ढक लेता है ,अच्छा लगता है |
बारिश के बाद पत्तियों का रंग भी अच्छा लगता है |
सर्द दिनों मैं सूरज की किरणें लगती है जब तन को,अच्छा लगता है |
बहुत कोशिशों के बाद पा जाती हूँ जब कुछ, अच्छा लगता है |
बिना कहे जब कोई समझ जाता है बात, अच्छा लगता है |
कर दे कोई अचानक ही तारीफ तो अच्छा लगता है |
करती हूँ जब कुछ अलग तो अच्छा लगता है |
किसी रोज़ देखती हूँ जब ऊँचाई से ,
उगते या ढलते सूरज को तो, अच्छा लगता है |
उड़ते हुए पंछिओं क़ो जब देखकर आसमान में ,
सोचती हूँ कि क़ाश उनमें से एक मैं भी होती तो अच्छा लगता है |
सब ढूँढ़ते है ज़िन्दगी में दौलत ,शोहरत और प्यार
पर मुझे तो छोटी छोटी चीज़ों में ही खुशियाँ ढूँढ़ना ,
अच्छा लगता है ||
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