भूल गए ||
चलते चलते इन राहों में ,
हम रूक कर सांस लेना भूल गए ||
चिंता इतनी थी गीली सड़कों की ,
कि बारिश की बूँदे छूना भूल गए ||
इतनी शिददत थी मकान बनाने की,
कि घर सजाना ही भूल गए ||
ध्यान इतना था मंज़िल पर ,
कि रास्तों को देखकर भी देख ना सके ||
इतनी तलब थी ज्यादा दोस्तों की ,
कि क़िसी एक से सच्ची यारी ना निभा सके ||
पीछे भागते हुए बड़ी ख्वाशियों के ,
छोटी चीज़ों का मज़ा लेना भूल गए ||
शक्लों पे ध्यान था इतना ज़्यादा ,
कि रूह किसी की देख ना सके ,
फ़ोन में इतना घुसे रहे,
कि आसमां देखना भूल गए ||
चलते चलते इन राहों में हम,
रूक कर सांस लेना भूल गए,
भूल गए ||
Sometimes its good to take rest for a while ,enjoy the moment and be in that moment.
Thanks for reading !!!
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